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Sunday, June 22, 2025

रानी रुक्मणी जी की वंशावली श्री कृष्ण जी की पत्नी

 ब्रह्मा जी के मानस पुत्र कुश हुए , यह कुछ श्री राम के पुत्र कुछ नहीं है बल्कि ब्रह्मा जी के मानस पुत्र कुश हैं जो कुछ ऋषि कहलाए, उसके चार बेटे हुए कुशनाभ कुसांब आनूराज एवं बसु।

  कुशनाभ ने महोदय नगर बसाया और कुशनाभ के बेटे हुए गाधी , गाधी के बेटे हुए कौशिक , यही कौशिक आगे जाकर महर्षि विश्वामित्र बन गए।

 उनकी पूरी कथा अलग से ब्लॉग में दी गई है या आप विकिपीडिया पर भी पढ़ सकते हैं।

 राजा कौशिक के पुत्र हुए भीशमक, यह भीशमक विदर्भ के राजा थे , राजा भीष्मक की पुत्री का नाम रुक्मणी था और रुक्मणी ने श्री कृष्ण से प्रेम विवाह किया था या यू कह सकते हैं कि श्री रुक्मणी जी का हरण श्री कृष्ण ने किया था और बाद में इनका विवाह हुआ था ।

यह बताना जरूरी है कि कुशनाभ के पुत्र गाधी हुए और गाधी के एक पुत्र हुए कौशिक जो आगे जाकर महर्षि विश्वामित्र बन गए एवं गाधी के एक पुत्री हुई सत्यवती जो सुगुणला राशि भी कहलाई , 

सत्यवती का विवाह ऋषि भृगु के पुत्र रुचिका के साथ हुई यह रूचिका का नाम रिचिकुडू एवं ऋतिक भी वेदों में मिलता है। भृगु के पुत्र रुचिका का विवाह सत्यवती से हुआ और सत्यवती और रुचिका के विवाह से ऋषि जमदअग्नि का जन्म हुआ और जमदअग्नि के पुत्र के रूप में परशुराम जी का जन्म हुआ ।


कुशनाभ के पिता का नाम कुश था। कुशनाभ, कुश के पुत्र थे।

 कुशनाभ, कुश के चार पुत्रों में से एक थे।

 कुशनाभ ने महोदयपुर नामक नगर बसाया था और वहीं से शासन किया था। 

  • पौराणिक कथाओं के अनुसार, कुशनाभ, ऋषि कुश के पुत्र थे। 
  • कुश के चार पुत्र थे: कुशाम्ब, कुशनाभ, असुरराज और वसु। 
  • कुशनाभ ने महोदयपुर बसाया और वहीं से शासन किया। 
  • कुशनाभ के पुत्र का नाम गाधि था, जो बाद में ऋषि विश्वामित्र के पिता बने।

 

राजा गाधि  , राजा कुशनाभ पुत्र थे।

राजा कौशिक (ऋषि विश्वामित्र ), राजा गाधि के पुत्र थे

राजा कौशिक (ऋषि विश्वामित्र),  कुशनाभ के पौत्र और राजा गाधि के पुत्र थे।

राजा भीष्मक के पिता का नाम राजा कौशिक था। वे विदर्भ के राजा थे और रुक्मिणी के पिता थेराजा भीष्मक, रुक्मिणी के पिता थे, और रुक्मिणी का विवाह भगवान कृष्ण से हुआ थाराजा भीष्मक, मगध के राजा जरासंध के जागीरदार थे

रुक्मिणी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री थीं भीष्मक मगध के राजा जरासंध के जागीरदार थे भीष्मक (रोमा) विदर्भ भोजवंशी शासक जो रुक्मिणी के पिता और कृष् के श्वसुर थे।

राजा भीष्मक विदर्भ के राजा थे। 

उनके पाँच पुत्र थे: रुक्मी, रुक्मरथ, रुक्मबाहु, रुक्मकेश, और रुक्ममाली, और एक पुत्री, रुक्मिणीरुक्मिणी का विवाह भगवान कृष्ण से हुआ था.  रुक्मिणी को श्रीकृष्ण से प्रेम हो गया और वह उनसे विवाह करने को तत्पर हो गईं

लोककथाओं के अनुसार, कृष्ण रुक्मिणी का हरण करने के पश्चात माधवपुर घेड गांव आए थे और इसी स्थान पर उनसे विवाह रचाया था इसी की स्मृति में, माधवराय (श्रीकृष्ण) का एक देवालय निर्मित किया गया है  


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