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Sunday, August 27, 2023

सोढ़ायण ग्रंथ - कविया चिमनजी कृत

 *सोढायन*- 





कविया चिमनजी कृत एवम संचालक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित विशिष्ट ग्रंथ है ।

सोढायन डिंगल भाषा का ऐतिहासिक वीर काव्य है, जिसे वंश भास्कर, सूरज प्रकाश, राज रूपक आदि प्रसिद्ध ऐतिहासिक प्रबंध काव्यों की श्रेणी में रखा जा सकता है । 
इस प्रकार के प्रबंध काव्य राजस्थान के चारण कवियों ने डिंगल और पिंघल दोनो भाषायों में रचे है। डिंगल भाषा के ऐसे ग्रंथो में प्रस्तुत ग्रंथ सोढायन भी आता है। 
इन महा काव्यों में वंशारम्भ से लेकर मुख्य चरित नायक तक का क्रमपूर्वक ऐतिहासिक वर्णन होता है। 
सोढायन शब्द सोढा + आयन्न दो शब्दों से मिलकर बना है । अयन शब्द संस्कृत के अयंन्नं से बना है, जिसका अर्थ होता है चरित्र अथवा गति । वाल्मीकि कृत रामायण में राम का चरित्र विशद एवम विस्तृत रूप से चित्रित किया गया है, जिसे तुलसीदास जी ने रामचरित मानस के नाम से अवधि में रचा है । रामायण की तरह गर्न्थो के नामकरण की परिपाटी डिंगल साहित्य में भी काफी मिलती है । ऐसे ही श्री चिमन जी ने भी सोढायन ग्रंथ की रचना की । सोढायन की समाकृति के अन्य ग्रंथो में उनके चरित नायकों जैसे राम , वीरमदे, जोधा, प्रताप सिंह आदि का ही चरित्र चित्रण किया गया है, किंतु सोढायन में सम्पूर्ण सोढा जाती का ऐतिहासिक विवरण है। सोढायण ग्रंथ इतिहास की दृष्टि से जितना महत्त्वपूर्ण है , साहित्यिक दृष्टि से भी उतना ही महत्वपूर्ण काव्य कृति है ।
सोढ़ायण ग्रंथ के संपादक शक्तिदान कविया है । सोढायण ग्रंथ उमरकोट के सोढों के ऐतिहासिक एवम सांस्कृतिक पक्ष से सम्बंध रखता है । संपादक जी का ससुराल उमरकोट के निकट तीन मील की दूरी पर खारोड़ा गांव में होने से वे उस प्रदेश की कई बार यात्रा कर चुके है जिससे उन्हें इस ग्रंथ में वर्णित गांव , देवस्थान , गोत्र, व्यक्ति एवम विशेष उपकरण आदि के विषय मे संयोगवश जानकारी ठीक थी । 
मैं कल्याण सिंह सोढा अपने गांव खारिया सोढा (जिला पाली )  के इतिहास , एवम गांव में वर्तमान में विराजमान सोढा राजपूतो का पुराने इतिहास से सम्बन्ध के बारे मे जानकारी जुटाने के लिए सोढा राजपूतो से सम्बंधित विभिन्न ग्रंथो , पाठ्य पुस्तकों, काव्यों , ई बुक्स  इत्यादि किसी भी माध्यम से जो जानकारी मिलती है उसके संकलन का छोटा सा प्रयास कर रहा हु । उसी क्रम में मुझे यह सोढायण ग्रंथ की जानकारी मिली , जिसे आप लोगो तक साझा कर रहा हूं । 
मैंने मेरे ब्लॉग के माध्यम से इस संकलन के दौरान कई सम्पादकों , कवियों के लेख एवम ग्रंथो को पढा है , उनके कुछ अंश को ही ब्लॉग में प्रकाशित किया है ताकि सम्पादकीय अधिकारों की गरिमा बनी रहे । सिर्फ कुछ अंश प्रकाशित साझा करने के पीछे मकसद यही है कि आप यहां से जानकारी प्राप्त करके अपने उस गौरवान्वित इतिहास तक पहुंच सके । 
धन्यवाद 







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