પીર પીઠોરાજી થી વંશાવલી
पीर पिथोरा जी की वंशावली
राजा इंद्र
राजधानी अबू
उत्तर हिंद
राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणी
रुक्मणी का विवाह श्री कृष्ण से हुआ, 5000 साल पहले
राजा जयद्रथ जिन्होंने सिंध प्रदेश बसाया
वीर विक्रमादित्य जिन्हें अमरकोट की गादी मिली , जिनकी 32 पुतली की वार्ता आती हैं ,जिन्होंने विक्रम संवत बनाया
राजा भरतहरी - राजा विक्रमादित्य के भाई मालवा प्रदेश के राजा जिन्होंने बाद में योग धारण किया
जगदेव परमार - कंकाली को शीश दान किया बाद में माता के आशीर्वाद से पुनः जीवित हुए
सिंधु राज जिन्होंने सिंह प्रदेश बसाया
राजा भोज चक्रवर्ती सम्राट भोपाल
राजा धरनीवराह - नौ कोटी मारवाड़ के धनी
दादा मानव राज मूली परमार के संस्थापक
राजकुमार सोढा सांखला सचियाय
सोढा की सातवीं पीढ़ी में राणा दुर्जन साल हुए. दुर्जन साल के पंच पुत्र हुए।
नाम इस प्रकार हैं खेमराज खेलन संग्रामसी नागड़ विरोजी
वीरू जी के पुत्र हुए भान
भान के पुत्र हुए मांडन जी
मांडल जी का विवाह जैसलमेर के भाटी राजपूतों में सोनम कुमारी से हुआ सोनम कुमारी चेलक गांव की रहने वाली थी.
सोनम कुंवरी की कोख से 12 वर्ष बाद पीर पिथोरा जी का जन्म हुआ,
पीर पिथोरा जी का बचपन का नाम पृथ्वीराज था इन्हें लाड प्यार से पिथू कहते थे।
पीर पिथोरा जी के गुरु का नाम वीरनाथ जी है।
आभार संदर्भ
नेत सिंह सोढा गुजरात कच्छ हाल निवासी मुंबई
तने सिंह सोढा काठा
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