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Tuesday, September 24, 2019

परमार वंश- मध्यभारत

परमार(पंवार) क्षत्रिय वंश
अग्निवंशीय क्षत्रिय वंश, क्षत्रियों का एक सबसे पुराना राजवंश है. परमार(पंवार) मूलतः: अग्निवंशीय क्षत्रिय है. पौराणिक कथाओ के अनुसार अबूगढ़ ( आबू पर्वत) पर गुरु वशिष्ट ने दुष्टो के नाश के लिए परमार(पंवार) क्षत्रिय वंश की उतपप्ती की. राजा परमार, राजा विक्रमादित्य, राजा उपेंद्र, राजा मुंज, राजा भोज, राजा उदतीयराज, राजा जगदेव जैसे परमार क्षत्रिय राजाओ ने पृथ्वी पर मानवता के कल्याण के श्रेष्ठत्तम कार्य कर अपने आप के श्रेष्ठ क्षत्रिय वंश के रूप में स्थापित किया. मध्यकाल में राजपूत जाती का जन्म इन्ही श्रेष्ठ क्षत्रिय वर्ण से हुआ.
क्षत्रिय परमार(पंवार) वंश कालांतर में समय और परिस्थितियों के अनुसार कई वर्गो में विभाजित हो गए. जैसे पश्चिमी महाराष्ट्रा में मराठा क्षत्रिय पवार, मराठाओ का एक श्रेष्ठ कुल है. इसी प्रकार वैनगंगा और भोयर क्षत्रिय पंवार, मध्यभारत और विदर्भ में परमार(पंवार) क्षत्रिय वंश की शाखाये है. राजस्थान, गुजरात, बिहार, उत्तरप्रदेश आदि राज्यो में राजपूत परमार(पंवार) इन्ही परमार(पंवार) क्षत्रिय वंश की राजपूत शाखा है. परमार (पंवार) वंश की कुछ शाखाये पाकिस्तान में भी है जंहा अधिकतर मुस्लिम हो चुके है. हिमाचल में इस वंश की शाखाये गरवाल/ हिमाचली परमार/पंवार है जो जगदेव पंवार को अपना देवता मानती है. कुछ परमार(पंवार) वंशीय कर्नाटक तक निवास कर रहे है. देवास और धार राजवंश मराठा पंवार कुल से संबधित है. मालवा में बहुत बड़ी संख्या में परमार(पंवार) जाति के रूप में निवास कर रहे है.
इस प्रकार स्पष्ट है की परमार(पंवार) वंश की आज निम्नलिखित मुख्य शाखाये है.

. परमार/पंवार राजपूत
. वैनगंगा क्षत्रिय पंवार
. मराठा पवार कुल
. भोयर क्षत्रिय पवार
. मालवा परमार/पंवार
. उज्जैनी परमार
. हिमाचली परमार
इसके अलावा कुछ पंवार गोत्र सिख, जाट, मुस्लिम, पोवारा आदिवासी, गुज्जर में भी पाए जाते है और वो भी स्वयं को परमार/पंवार क्षत्रिय वंश का हिस्सा मानते है पर इस पर सभी एक मत नहीं है और उनका दावा विवादित है.
इस प्रकार यह स्पष्ट है अबगढ़ से जन्मे परमार(पंवार) अग्निवंशीय क्षत्रिय देश के अनेक क्षेत्रो में राजपूत पंवार/क्षत्रिय पंवार/वैनगंगा पंवार/भोयर पवार/उज्जैनी परमार/मराठा पवार/मालवा परमार/पोवार/पवार नाम से जाने जाते है

जय सच्चियाय महामाया गढ़कालिका माँ !!!
जय पंवार/परमार क्षत्रिय वंश !!!
जय विक्रमादित्य !!! जय राजा भोज!!! जय जगदेव पंवार !!!

Reference and Thanks –  पंवार/परमार राजपुताना क्षत्रिय , मध्यभारत/विदर्भ- FB Wall


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