सत्य..................न्याय.....................भक्ति
परमार(पँवार) वंश कि उत्पत्ति राजस्थान के आबू पर्वत में स्थित अनल कूण्ड हुई थी तथा चन्द्रावती एव किराडू दो मुख्य राजधानीया भी राजस्थान में ही थी यही से परमार(पँवार) मालवा गये एवं उज्जैन(अवतीका) एवं धार(धारा) को अपनी राजधानी बनाया भारत वर्ष में केवल परमार(पँवार)वंश ही एक मात्र ऐसा वंश हैं जिसमें चक्रवर्ती सम्राट हुई इसलिए यह कहा जाता है कि.-
# पृथ्वी_तणा_परमार_पृथ्वी_परमारो_तणी . .... यानी धरती की शोभा परमारो से है या इस धरती की रक्षा का दायित्व परमारो का है परमार राजा दानवीर साहित्य व शौर्य के धनी थे तथा वे कृपाण एवं कलम दोनों में दक्ष थे उनका शासन भारत के बाहर. दूसरे देशों तक था लेकिन राजा भोज के पश्चात परमार सम्राट का पतन हो गया एवं परमारो के पतन होते ही भारत वर्ष मुसलमानों के अधिक हो गया अर्थात परमारो का इतिहास बहुत ही गौरव शाली रहा है जो जागृति के अभाव में लुप्त प्रायः हो गया अब हमें पुनः गौरव शाली इतिहास को बहाल करना है-
(1) अनल कुण्ड (आबू पर्वत)_परमार कि उत्पत्ति.स्थल
(2) चंद्रावती व किराडू_ परमारो कि राजधानीया
(3) सोढा .संखाला व सच्च़ियाय कि जन्म स्थली_शिव (बाडमैर)
(4) परमारो मे अवतरित शक्तियों स्थली जैसे..सच्चियाय वाकल.मालन.रूपाद.लालरदे के शक्ति पीठ
(5) परमारो के कोट_अचल गढ़ .जालौर.सिवाणा..पूंगल.चितौड.मडोर.तिकाडू.सामर
(6) संत जाम्भोजी ति स्थली.मुकाम
(7) पीर हडबूजी सांखला कि स्थली_बेंगटी
(8) राजस्थान मे निवास करने वाले परमार पँवार- मेहफावत, .सोढा., सांखला.भायल.काबा.धांधू. क्रागुंआ .किराडू. गेहलडा.गुंगा.बहिया.उमट.बारड.राज पँवार.इत्यादि.....
जय परमार पँवार राज वंश.
"वेंसाख सूद पंचमी"
भारत वर्ष के सभी परमार वंश के वंशज को आज
परमार उत्पति दिन की
खूब खूब शुभेच्छा
भारत वर्ष के सभी परमार वंश के वंशज को आज
परमार उत्पति दिन की
खूब खूब शुभेच्छा
THX AND
REFERENCES
NAYAN
PARMAR
PARMAR
DIYODAR MEPAWAT RAJPUT
बहुत सुंदर ऐतिहासिक जानकारी खूब खूब आभार। ।नेतसिह सोढा राजपूत कच्छ
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