अग्निकुंड
परमार
पोहोकर
परवार / पुरुवार
परासन जी
सेनजी/ सजाकरन जी
भरत जी /
भारसेन
कलग
किलइन्द्र
भरी हर्षराज
चतरंगदेव जी/ राजा चतरंग
गंधर्वसेन/गर्दबिल्ल/ महेन्द्रादित्य
विक्रमादित्य - (भाई भर्तहरि ऋषि)
भीमसुख जी
भीमसुख जी
राजबलदे
पगसेन/ पतसेन
भूपतसेन / राजा भूपत
जेतमल जी / जसधमल
शाक्तचन जी
वीरचन जी/ राजा वीरोंचंद
महिपाल
पृथ्वीरण
गोपिंड / गऊपड़
गोड़ीव/ गयुदेव
सेन
कालसेन / कारधेन
सेंशनराज
वीरपाल
विजयराज
राजासोम
सिंधलसेन( सिंधु प्रदेश बसाया)
राजा भोज ( भोपाल बसाया)
राजाबंध
उदेक जी/ उदयादित्य
जगदेव परमार/ जगदेवराय ( शीशदान किया कंकाली देवी को )
डाबरंग जी/ दाम्ब्र जी
धांधूमल / धधमार / सिंधुराज
धरनिवराह
धोम जी
उपट राव / उपलराव जी ( ओसियाँ बसाया)
अलपराव
बाहडराय जी
चाहड़राव जी / छोड़ जी
सोढा - सांखला - केसर कंवर
सोढा के 2 पुत्र हुवे-
चाचगदे/ चामकदे एवम सिंधल
चाचगदे के पुत्र राजदे
जयब्रह
सोमेश्वर
धारावर्ष/ धराहवर जी
इनके दो पुत्र हुए -
दुर्जनसाल एवम आसराव
दुर्जनसाल के खींवराज
खींवराज के राणा अवतारदे
राणा अवतारदे के 5 पुत्र हुए-
राणा थीरा, कीता, गज्जू, वीरधवल, एवम पांचवा पुत्र वीरमदे
वीरमदे के भी 5 पुत्र हुए-
तमायची, रतनसी, मालदेव, उगमसिं,एवम पांचवा सत्ता
तमायची का पुत्र देवराज
देवराज का साधा
साधा का बन्ना
बन्ना का सहसमल
सहसमल का अदिकमल (अड़वाल)
अड़वाल (अडीकमल ) के एक पुत्र महेराज (महेश) एवम पुत्री बदन देवी हुई । कुंवरी बदनदेवी को जोधपुर रावजी श्री मालदेव जी को परणाई ।
महेराज / महेश का वंश
महेराज का नोटशी
नोटशी के पुत्र ईशरदास एवम नाहरदास
ईशरदास का पुत्र गोरधन
गोरधन के 3 पुत्र खींवराज , गिरधरदास एवम रूगनाथ सिंह हुए ।
इन तीनो पुत्रो के परिवार , वंश आज खारिया सोढ़ा गांव में बसते है । यह गांव राजस्थान के जोधपुर मंडल के सोजत परगना में मारवाड़ जंक्शन के पास स्तिथ है । इस गांव में आज 100 से ज्यादा सोढ़ा राजपूतो के परिवार है । इसी गांव के ओरण में श्री लवा जी महाराज का मंदिर भी है । बताया जाता है कि यह लवा जी महाराज भाटी राजपूत थे जिन्होंने गायों की रक्षा हेतु युद्ध मे अपने प्राण त्यागे थे । नैणसी मुणोत की ख्यात और नैणसी मुणोत की परगना से अध्ययन करने पर इस गांव का इतिहास 800 साल पुराना लगता है ।
रूगनाथ सिंह जी के वंशवृक्ष-
रूगनाथ सिंह जी के देवकर्ण
देवकर्ण के जगराम सिंह
जगराम सिंह के खींव सिंह
खींवसिंह के झुंझार सिंह
झुंझार सिंह के बरखत सिंह
बरखत सिंह के बहादुर सिंह
केसर सिंह जी
कुंदन सिंह जी एवम सोन सिंह जी
(1) सोन सिंह जी अविवाहित थे तभी उनका देहांत हो गया था ।
(2) केसर सिंह जी का जन्म , जोर सिंह जी के यहां हुआ था । केसर सिंह जी बहादुर सिंह जी के गोद आये थे । केसर सिंह जी के पुत्र कुंदन सिंह एवम सोन सिंह जी हुए । जोर सिंह जी का जन्म खींवसिंह जी के तीसरे पुत्र झालंम सिंह के परिवार में हुआ था )
कुंदन सिंह जी के 2 पुत्र हुए-
भंवर सिंह एवम रामसिंह
कुंदन सिंह जी के एक पुत्री हुई भँवर बाईसा , जिनका विवाह सोजत सिटी के पास धंधेड़ी गांव में सवाई सिंह जी के साथ हुआ। भंवर बाईसा के 3 पुत्र हुए भगवान सिंह ( भंवर सिंह ) , कैलाश सिंह एवम इंद्र सिंह । भंवर बाईसा के एक कुंवरी हुई एजु कंवर जो जोधपुर के उजलिया गांव में परणाई ।
कुंदन सिंह जी ने दो विवाह किए थे गुड़ा केसर सिंह एवम मामावास् । मामावास् में लालसिंह जी मामोसा की पुत्री अंतर बाईसा (भुआ सा) है जिनका विवाह जेलवा गांव में भंवर सिंह जी भाटी के यहां हुआ । भंवर सिंह जी भाटी के पुत्र अजीत सिंह भाटी है
भंवर सिंह जी सोढा के 4 पुत्र एवम 2 पुत्रियां हुई हुए- छैल सिंह , डूंगर सिंह, मालम सिंह, मान सिंह , निहाल कंवर , सूरज कंवर . भंवर सिंह जी ने 2 विवाह किए थे .
राम सिंह जी सोढा के 3 पुत्र एवम 1 पुत्री हुए - कल्याण सिंह , नरेंद्र सिंह , प्रदीप सिंह, एवम जगदीश कंवर ।
नरेंद्र सिंह की बाल्यकाल में ही 5 वर्ष की आयु में देहांत हो गया था । इनका चबूतरा (थान ) बना हुआ है ।
कल्याण सिंह के पुत्री पुत्र क्रमशः अदिति एवम आदित्य सिंह सोढा है । प्रदीप सिंह के पुत्र जयवंश सिंह है
जगदीश कंवर सा का ब्याह पाली जिले के ठाकुरला गांव के अजीत सिंह जी कुम्पावत के साथ हुआ । जगदीश कंवर सा की पुत्रियां हर्षिता एवम नीतिशा बाईसा है ।
खारिया सोढा का सोढा परिवार, वीरमदे सोढा का वंश है ।
यह जानकारी एवम सन्दर्भ अलग अलग पुस्तको के अध्ययन, बुजुर्गों की वार्ता , इतिहासकारों के वीडीयो , आदि कई जगह से प्राप्त हुई । इसमें मुख्य योगदान -
- नैणसी मुणोत की ख्यात
- नैणसी मुणोत रा परगना
- क्षत्रिय इतिहास ब्लॉग के रचनाकार यदुवंसी सुरेंद्र सिंह जी
- इतिहासकार नेतसिंघ जी सोढा हाल निवासी मुंबई
- वेबदुनिया पोर्टल
- एवम कमल सिंह जी सोढा पुत्र श्री फतेह सिंह जी सोढ़ा द्वारा उपलब्ध कराये गए प्रपत्र (कुर्शीनामा खारिया सोढा), हाल निवासी सोजत सिटी
का रहा है ।
III आपके सहयोग के लिए साभार साधुवाद lll
यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि राजस्थान के इतिहास का सर्वाधिक विश्वनीय स्रोत " मुहणोत नैणसी री ख्यात" है । जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह के देश दीवान नैणसी द्वारा 17वि शताब्दी में लिखित मूल ख्यात राजस्थानी गद्य में लिखी गयी है । इसके अध्ययन के बिना राजस्थान का अध्ययन अधूरा होता है । इतिहासकारों ने तो यहां तक कहा है कि "कर्नल टॉड" को अगर यह इतिहास मिल गया होता तो आज राजस्थान का इतिहास और भी विस्तृत , समृद्ध , यशश्वी लिखा होता ।
नैणसी मुणोत की ख्यात के पृष्ठ संख्या 235 में स्पष्ठ उल्लेख मिलता है कि जब सहसमल की उनके भाईयो ने हत्या कर दी तो उनके पुत्र अड़वाल ( अडीकमल ) अपनी मौसी राणी लक्ष्मी के यहां मारवाड़ आये । और इन्ही के वंश में ईशरदास जी को सोजत का गांव खारिया, पट्टे में आया । नैणसी मुणोत की ख्यात के भाग 1 से यहां दो पृष्ठ छाया चित्र सहित संलंग्न है । जो इस लेख की प्रामाणिकता को सिद्ध करते है II
सोढ़ा वंश की खाँपे / शाखाएं / वंशावली बहुत विस्तृत है । जिसका वर्णन इसी ब्लॉक में कई बार हुआ है । परन्तु यह इतिहास गांव खारिया सोढ़ा के सोढा राजपूतो को केंद्र में रखकर लिखा गया है , इसलिए यहां सिर्फ उन्हीं से संबंधित वंशावली ही है । गोरधन जी के पुत्र के आगे की विस्तृत वंशावली गांव खारिया सोढ़ा के सोढा परिवारों में खारिया सोढा का कुर्शीनामा प्रपत्र के रूप में उपलब्ध है । इसलिए यहां सिर्फ रूगनाथ सिंह जी के ही वंशवृक्ष को लिखा गया है ।
अपील-
चूंकि जगह जगह से आंकड़े एकत्रित किये गए है, आंकड़ो को मिलाने का प्रयास किया गया है और एक ही जगह पर हजारों वर्ष पूर्व का इतिहास लाने का प्रयास किया गया है । इसलिए गलतियों की पूर्ण संभावना है ।
आप सभी से निवेदन है कि उन गलतियों की तरफ हमे सूचित करे । तथ्यों के साथ त्रुटि सही पाई गई तो संशोधन अवश्य किया जाएगा ।
संकलनकर्ता
कल्याण सिंह सोढा राम सिंह सोढा
ग्राम खारिया सोढा
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